राष्ट्रीय

योग गुरु स्वामी रामदेव ने बांग्लादेश, हिंदू और भारत के संदर्भ में बताया संवेदनशील मुद्दा

संवाददाता(हरिद्वार)

बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाइयों पर किसी भी प्रकार की कोई क्रूरता, अत्याचार, जुल्म, ज़्यादती ना हो, चाहे जो वहां पर हमारे हिंदू भाई हैं जो व्यापार कर रहे हैं या जो हमारे वहां पर हिंदू मंदिर हैं या हमारे भारतीय वहां पर जो नागरिक रह रहे हैं उनके साथ किसी प्रकार की कोई नाइंसाफी ना हो इसके लिए पूरे देश को एकजुट रहना होगा और पहली बार मुझे यह देख करके प्रसन्नता हुई कि पूरा विपक्ष सरकार के साथ है और यही भारत की नीति होनी चाहिए नहीं तो जिस तरह से पुरी दुनिया में इस्लामिक कट्टरवाद बढ़ रहा है ।

वह भारत के पड़ोस में जिस तरह से उसने दस्तक दे दी है वह देश के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है | यह एकजुटता हमारी आगे भी लेनी चाहिए। कोई यहां पर आरक्षण के नाम पर, कोई जाति के नाम पर कोई अलग-अलग प्रकार के मज़हबी उन्माद के नाम पर देश को जो बांटना चाहता है, यह ठीक नहीं है | इसलिए हमारी भारत की राजनीति मुद्दों पर केंद्रित हो।उसमें जाति उसमें संविधान, उसमें आरक्षण, उसमें अलग-अलग प्रकार के मजहबी उन्माद, जाति उन्माद, भाषाएं उन्माद, तमाम तरह के प्रांतीय उन्माद, इन सब उन्मादों से परे केवल विकास के आधार पर और दौ हज़ार सैंतालीस (2047) तक भारत को विश्व की आर्थिक, सामरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक महाशक्ति हम कैसे बनाएं? इस पर यदि पूरा देश एकजुट होकर के आगे बढ़ेगा तभी हम अपने पड़ोसियों के साथ में भी ताकत से खड़े हो पाएंगे और पुरी दुनिया के सामने भी भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभर पाएगा |

 

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